Monday, 21 May 2018

                                                                NEEM SOAP
                                              MEDIDERM SOAP

Saturday, 19 May 2018

MARGOSA
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                                              pain oil

                           पैन आयल -- हर प्रकार के दर्दों के लिए  इस्तेमाल करें पैन रिलीफ आयल 

Friday, 18 May 2018

                       पंचा मीन ----गुड हेल्थ के लिए हर रोज़ पिएँ पञ्चा मीन सिरप

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                                  गिलोय  पपीता  सवरस --- इम्म्युंटी  व् प्लेटनेट  बढ़ाने के लिए
                               
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Wednesday, 16 May 2018

अब गदूद की परेशानी  ख़तम  गदूद  से परेशान हो तो खाओ प्रोस्टेट केयर  जल्दी ही बीमारी से छुटकारा पाओ

                                       जानकारी के लिए मो -- 8104839037 

Monday, 14 May 2018

LIVER CARE



अपने लीवर को रखे स्वस्थ और बीमारीओं से बचे 

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                                ए लोवेरा  पीओ निरोग जिओ 

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चमड़ी  के रोग दूर करे नीम का साबुन  इस्तेमाल करे और खारिस खुजली से बचे 

                                 F MCG  PRODUCT

                                            चेहरे से कील  मुहासे व् याइओं  को दूर  करे  एक्ने साबुन 

Wednesday, 9 May 2018

                                          शतावरी 


आयुर्वेद के आचार्यों के अनुसार , शतावर पुराने से पुराने रोगी के शरीर को रोगों से लड़ने क़ी क्षमता प्रदान करता है । इसे शुक्रजनन, शीतल , मधुर एवं दिव्य रसायन माना गया है । महर्षि चरक ने भी शतावर को बल्य और वयः स्थापक ( चिर यौवन को बरकार रखने वाला) माना है । आधुनिक शोध भी शतावरी क़ी जड़ को हृदय रोगों में प्रभावी मान चुके हैं।

नींद न आने क़ी समस्या :-
यदि आप नींद न आने क़ी समस्या से परेशान हैं तो बस शतावरी क़ी जड़ को खीर के रूप में पका लें और थोड़ा गाय का घी डालें ,इससे आप तनाव से मुक्त होकर अच्छी नींद ले पायेंगे ।

माइग्रेन :-
शतावरी क़ी ताज़ी जड़ को यवकूट करें ,इसका स्वरस निकालें और इसमें बराबर मात्रा में तिल का तेल मिलाकर पका लें,हो गया मालिश का तेल तैयार …इसे माइग्रेन जैसे सिरदर्द में लगायें और लाभ देखें ।

प्रदर रोग :-
तीन दिन सुबह-शाम शतावरी चूर्ण 5 ग्राम से 10 ग्राम की मात्रा में थोड़े से शुद्ध घी में मिलाकर चाटने व कुनकुना गर्म मीठा दूध पीने से प्रदर रोग से जल्दी से छुटकारा मिलता है।

गर्भवती स्त्री के लिए :-
नवमास चिकित्सा का विवरण बताया है। शतावरी के चूर्ण का उपयोग दूसरे, छठे और सातवें मास में दूध के साथ करने और नवम मास में शतावरी साधित तेल का एनीमा लेने तथा इसमें भिगोए हुए रूई के फाहे को सोते समय योनि में रखने के बारे में बताया गया है। इससे योनि-प्रदेश लचीला, पुष्ट और स्निग्ध रहता है, जिससे प्रसव के समय प्रसूता को अधिक प्रसव पीड़ा नहीं होती।

प्रसूता स्त्रियों में दूध न आने क़ी समस्या
प्रसूता स्त्रियों में दूध न आने क़ी समस्या होने पर शतावरी का चूर्ण -पांच ग्राम गाय के दूध के साथ देने से लाभ मिलता है। गाँव के लोग इसकी जड़ का प्रयोग गाय या भैंसों को खिलाते हैं, तो उनकी दूध न आने क़ी समस्या में लाभ मिलता पाया गया है । अतः इसके ऐसे ही प्रभाव प्रसूता स्त्रियों में भी देखे गए हैं ।



वातज ज्वर : –
वातज ज्वर में शतावरी के रस एवं गिलोय के रस का प्रयोग या इनके क्वाथ का सेवन ज्वर (बुखार ) से मुक्ति प्रदान करता है ..। वात प्रकोप होने पर शतावरी चूर्ण और पीपर का चूर्ण सम भाग मिलाकर 5 ग्राम मात्रा में शहद के साथ सुबह-शाम चाटने से लाभ होता है।

पित्त प्रकोप और अजीर्ण
पित्त प्रकोप और अजीर्ण होने पर इसका 5 ग्राम चूर्ण शहद में मिलाकर सुबह-शाम चाटना चाहिए। शतावरी के रस को शहद के साथ लेने से जलन , दर्द एवं अन्य पित्त से सम्बंधित बीमारीयों में लाभ मिलता है।



मूत्र विकृति :-
यदि रोगी को मूत्र या मूत्रवह संस्थान से सम्बंधित विकृति हो तो शतावरी को गोखरू के साथ लेने से लाभ मिलता है ।

घाव :-
शतावरी के पत्तियों का कल्क बनाकर घाव पर लगाने से भी घाव भर जाता है ।

स्वप्न दोष, प्री -मेच्युर -इजेकुलेशन :-
यदि रोगी स्वप्न दोष से पीड़ित हो तो शतावरी मूल का चूर्ण -2.5 ग्राम ,मिश्री -2.5 ग्राम को एक साथ मिलाकर, पांच ग्राम क़ी मात्रा में रोगी को सुबह शाम गाय के दूध के साथ देने से प्रमेह , प्री -मेच्युर -इजेकुलेशन (स्वप्न-दोष ) में लाभ मिलता है। शतावरी के जड के चूर्ण को पांच से दस ग्राम क़ी मात्रा में दूध से नियमित से सेवन करने से धातु वृद्धि होती है ।

यौन शिथिलता :-
यदि पुरुष यौन शिथिलता से परेशान हो तो शतावरी पाक या केवल इसके चूर्ण को दूध के साथ लेने से लाभ मिलता है । घी में चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम चाटकर दूध पीने से शारीरिक थकान, कमजोरी, अनिद्रा, पेशाब में रुकावट, धातुक्षीणता आदि विकार नष्ट होते हैं।



Friday, 4 May 2018

MARGOSA KHAO BIMARI BAGAO

                           मारगोसा (margosa )

                                                  हर बि मारी का ताला 
यह प्रोडक्ट आपको हर बीमारी से दूर रखेगा बस हर रोज़ एक कैप्सुल्स खाओ बीमारी बगाओ
फायदे  ---१. नाक सेखून आना  २. बालों की समस्याओ के लिए  ३. सफ़ेद दाग  ४. एग्ज़ीमा की
समस्या    ५. खून को साफ़ करना  ६. पैरालाइज  का होने से रोकना  ७. चिकन फॉक्स से बचाना
८. जोड़ो की समस्याओ से बचाना  ९. मलेरिआ  में फायदा करना  १०. गैस को बनने  से रोकना
११. पेशाब की समस्याओ  से बचाना १२. आँखों और दांतो की समस्याओ  का काम होना १३. खून
की कमी का न होना  १४. बवासीर में फायदा करना १५. शुगर का न होना १६. बी पी  का न होना
१७. कैंसर जैसी बीमारियों से बचना।  १८ पेट साफ़ न होना  आदि समस्या यो  से बचाता  है  मारगोसा
इसे खाओ  बीमारियां दूर बगाओ  

motapa ke karan hone wale rog

                               मोटापे के कारण होने वाले रोग 


 मोटापे की वजह से हो सकती हैं आपको ये बीमारिया

मोटापे से होता हैं हदय रोग का खतरा:
 मोटापे से बढ़ता हैं कोलेस्ट्रॉल:
 वजन बढ़ने से बढ़ती हैं थकान की समस्या:-
भारी शरीर के कारण रहता हैं जोड़ो में दर्द:-
 मोटापे के कारण हो सकता हैं आपको कोलोन कैंसर
मोटापे से होता डायबिटीज़:-
 मोटापे की वजह से हो सकता हैं स्तन कैंसर:-
     मोटापे का सीधा असर पड़ता हैंसेक्स लाइफ पर: 
 मोटापे से बढ़ता हैं हाइपरटेंशन:
तनाव:-